शनिवार, 6 दिसंबर 2008

कार्टून: ये जीना भी कोई जीना है लल्लू ...

5 टिप्‍पणियां:

  1. वाह! आपके कार्टूनों का पुराना मुरीद रहा हूं. बहुत ही अलग शैली के कैरेक्टराइजेशन और एनवायरनमेंट गढ़ते हैं आप जिसे चित्रों को देखने का अलग सुकून मिलता है. हर कार्टून चित्रकथा सा लगता है. लाजवाब.

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  2. परमजीत बाली एवं Raviratlami जी, सस्नेह आभार ... आपकी प्रतिक्रियाएं उत्साह और बढ़ातीं हैं..

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  3. रविजी ने मुझसे पहले ही मेरी बात कह दी ।

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