गुरुवार, 2 जुलाई 2009

कार्टून :- हे प्रभु मोहे इस जनम बस स्वर्ग न दीज्यो..

Cartoon for the day.

For regular smiles keep in touch with
this blog through feed
http://feeds2.feedburner.com/kajalkumarcartoon

18 टिप्‍पणियां:

  1. वापस भेज दो इसे..और नया ब्लॉग खुलवा दो!!

    जवाब देंहटाएं
  2. अब तो नर्क को
    पुन: नवीनीकृत
    करवाना होगा
    नई नई कष्‍टों
    को पृथ्‍वी से
    आयात कर
    नर्क में
    जुड़वाना होगा।

    जी हां उड़नतश्‍तरी जी
    आपकी सलाह मान्‍य योग्‍य है
    ब्‍लॉग नया खुलवा दो
    और ...
    टिप्‍पणियां रूकवा दो
    पोस्‍टों पर टिप्‍पणियां
    न मिलने जैसा नर्क
    अब दूसरा कोनो नाही।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपने बिल्कुल सही तीर मारा है, रही सही कसर वाचस्पति जी ने पूरी कर दी है.

    जवाब देंहटाएं
  4. ब्लाग खुलवाकर अनाम /अनामिकाओं का शिकार होने दो. :)

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  5. सही है एक पाप की दो बार सज़ा,ये तो नाइंसाफी है बहुत नाइंसाफी है।

    जवाब देंहटाएं
  6. इसका मतलब ये कि अपने स्वर्ग जाने के चाँस ज्यादा है....:)

    जवाब देंहटाएं
  7. नर्क से निकाल कर नर्क....


    मुझे लगता है नर्क भी इसके लिए स्वर्ग जैसा होगा, अतः वापस भेजो...

    जवाब देंहटाएं
  8. Nark to jhel kar aaya hi hai....isse swarg bhej dena chaihiye

    जवाब देंहटाएं
  9. अरे बाबा देखे कही आरक्षण या कोटे मै काम बन जाये, वेसे आप के कार्टुन ने हक्कित दिखाई है.
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  10. स्वर्ग
    क्यों न
    दीज्यो ?
    क्या
    वहां भी
    ब्लोगर
    जा बसे

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह - गर दोजख रुये जमीनस्त; हमीनस्तौ, हमीनस्तौ हमीनस्त!

    जवाब देंहटाएं
  12. " या फिरदौस बर्रुहे जमीनस्त,
    हमीनस्तो -हमीनस्तो -हमीनस्त "
    का अतिसुंदर भारतीयकरण :-))

    जवाब देंहटाएं
  13. हे प्रभु ने आपकी प्रार्थना स्वीकार कर दी है नया पासपोर्ट शिघ्र ही भेजा जाऍगा।

    हेप्रभु यह तेरा-पथ

    जवाब देंहटाएं

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin