शनिवार, 18 जुलाई 2009

कार्टून्स :- क्यों, ये रेट सुना है क्या !

21 टिप्‍पणियां:

  1. नया और अच्‍छा आइडिया रिक्‍शा वालों के लिए
    वे जल्‍दी ही
    लंबे लोगों से
    मि‍लीमीटर के हिसाब से
    रेट मांगने लगेंगे

    जवाब देंहटाएं
  2. सामान वजनी है साब, नहीं तो नंग के हिसाब से ले जाते.. :) :)

    जवाब देंहटाएं
  3. दो चक्करों में पहुचा पायेगा

    प्रणाम स्वीकार करें

    जवाब देंहटाएं
  4. अरे ये तो हमारे लिये बहुत हो जायेगा इतने मे तो हम हवाई जहाज से चले जायेंगे हा हा हा

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह जी वाह क्या दिमाग पाया है ....ये आईडिया रिक्शा वालों को दे दो

    जवाब देंहटाएं
  6. पहले धर्म कांटे पर
    तुल कर आना पड़ेगा
    हमारे रेट जान लो
    फिर ले चलेंगे

    जवाब देंहटाएं
  7. रिक्शे वाले भैया..मैं आपकी जगह होता तो कहता - दो खेप मे पहुंचाऊंगा.:)

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  8. मजेदार। काजल जी वैसे ये मोटू है कौन?

    जवाब देंहटाएं
  9. @ सुशील कुमार छौक्कर जी,

    ये हलवाई का पट्ठा बस देशसेवा के धंधे से कुछ ही कदम दूर है...फिर देश को बेलेगा...
    :-/)

    जवाब देंहटाएं
  10. अच्छा है, बहुत अच्छा है.. इस व्यवस्था को तुरंत लागू कराओ.. हम तो फायदे में ही रहेंगे..

    जवाब देंहटाएं
  11. बचत अभियान के तहद आज से कम खाने का कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाये!
    वैसे यह बन्दा रिक्शे पे जितना लूजेगा, नाई की दुकान पे उतना गेनेगा! :)

    जवाब देंहटाएं
  12. आज तो कमाल ही कर दिया!!!!बहुत बढिया!!

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत बुरा हुआ ...सरासर नाइंसाफी है ...

    जवाब देंहटाएं
  14. वज़न की सीमा निर्धारण तो एअरपोर्ट पर सामान ढोने वालों के लिए भी है.

    फिर यहाँ तो आदमी को आदमी खिंच रहा है..रिक्शे वाले की मांग सही है.

    जवाब देंहटाएं

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin